PM Surya Ghar Yojana Camp Today: 300 यूनिट फ्री बिजली… ₹78000 तक सब्सिडी, यूपी में हिट है ये स्कीम, ऐसे करें आवेदन

PM Surya Ghar Yojana Camp Today: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सूर्य घर योजना का उद्देश्य देशभर में सोलर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है, और अब इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के पश्चिमांचल क्षेत्र के हर घर तक पहुंचाने के लिए जोरदार कदम उठाए जा रहे हैं। सोमवार को राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) द्वारा आयोजित किए गए दो दिवसीय मेगा कैंप में ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने इस योजना का महत्व बताया और इसके लिए जनता को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

PM Surya Ghar Yojana Camp Today

इस कैंप का उद्घाटन दीप जलाकर किया गया, जिसमें सोलर पैनल से संबंधित जानकारी देने वाले स्टॉल्स और विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया गया।

PM Surya Ghar Yojana Camp Today मेगा कैंप

सोमवार को राजकीय इंटर कॉलेज मेरठ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) द्वारा आयोजित किए गए दो दिवसीय मेगा कैंप में ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने इस योजना का महत्व बताया और इसके लिए जनता को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Official Website pmsuryaghar.gov.in
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PM Surya Ghar Yojana

ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. तोमर ने इस योजना को घर-घर पहुंचाने का आह्वान करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का लाभ हर घर तक पहुंचाना है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी इच्छुक उपभोक्ता इस योजना से वंचित न रहे।” उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम होगी, साथ ही लोगों के बिजली बिल में कमी आएगी और बचत होगी।

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का उद्देश्य

इस अवसर पर डॉ. तोमर ने कहा कि लोग अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित कर, खुद बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, न केवल उनके बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होगा। प्रदेश में 25 लाख और पश्चिमांचल क्षेत्र में साढ़े सात लाख उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ प्रदान करने का लक्ष्य है।

सौर ऊर्जा का लाभ: बचत और पर्यावरण दोनों

इस अवसर पर डॉ. तोमर ने कहा कि लोग अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित कर, खुद बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, न केवल उनके बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होगा। प्रदेश में 25 लाख और पश्चिमांचल क्षेत्र में साढ़े सात लाख उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ प्रदान करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम में जुटी बड़ी संख्या में जनता

इस कैंप में मेरठ जिले से 37 उपभोक्ताओं सहित पश्चिमांचल के कुल 14 जिलों से 453 उपभोक्ताओं ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में पंजीकरण कराया। कैंप में 650 से अधिक उपभोक्ताओं ने सोलर पैनल के बारे में जानकारी प्राप्त की, और उपभोक्ताओं व वेंडरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस दौरान, कैंट विधायक अमित अग्रवाल और महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और सोलर पैनल के महत्व पर जोर दिया।

आवेदन और पंजीकरण प्रक्रिया

जो उपभोक्ता अपने घरों में सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, वे pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और सुलभ बनाई गई है। निदेशक तकनीक एनके मिश्र, निदेशक वाणिज्य संजय जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए अपने समर्थन का आश्वासन दिया।

सोलर पैनल लगाने की नई सुविधा

इस कैंप में विशेष ध्यान केंद्रित किया गया कि अब 10 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने के लिए कोई फिजिबिलिटी रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी। अब ऐसे संयंत्रों के लिए खुद-ब-खुद स्वीकृति मिल जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को प्रक्रिया में और भी आसानी होगी। इसके अलावा, एमडी पीवीवीएनएल, ईशा दुहन ने यह भी बताया कि पश्चिमांचल में 4 लाख उपभोक्ताओं ने पंजीकरण करा लिया है और 47 हजार आवेदन भी आ चुके हैं।

स्मार्ट मीटर के फायदे

ईशा दुहन ने स्मार्ट मीटर के बारे में जानकारी दी, जो अब सभी परिसरों में नि:शुल्क लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को यह सुविधा मिलेगी कि वे कहीं भी अपने बिजली उपभोग की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और उसे नियंत्रित भी कर सकेंगे। इससे उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर पूरी तरह से नियंत्रण मिलेगा और वे जरूरत के मुताबिक अपनी खपत को घटा-बढ़ा सकेंगे।

आखिरकार, सौर ऊर्जा का महत्व

इस मेगा कैंप ने यह साबित कर दिया कि सौर ऊर्जा केवल एक वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत नहीं है, बल्कि यह हमारे ऊर्जा संकट का स्थायी समाधान भी बन सकता है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल बिजली की खपत कम होगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा। इस पहल से पश्चिमांचल क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

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