महाकुंभ Maa Ki Rasoi Scheme 2025: प्रयागराज में ‘मां की रसोई’ का शुभारंभ, सिर्फ ₹9 में मिलेगा पौष्टिक भोजन

Maa Ki Rasoi Scheme:- प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारी के तहत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘Maa Ki Rasoi’ नामक एक विशेष community kitchen का उद्घाटन किया।

Maa Ki Rasoi Scheme

यह पहल उन लोगों के लिए है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं और सस्ते व पौष्टिक भोजन की तलाश में हैं। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (SRN Hospital) के परिसर में स्थित, इस रसोई का संचालन Nandi Sewa Sansthan द्वारा किया जा रहा है।

What is Maa Ki Rasoi Scheme?

‘मां की रसोई’ एक आधुनिक और fully AC community kitchen है, जो लगभग 2000 वर्ग फीट में फैली हुई है। यहां एक समय में 150 लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं। इस रसोई में ₹9 में दाल, चार रोटियां, सब्जी, चावल, सलाद और मिठाई का nutritious combo meal परोसा जाएगा।

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यह पहल उन लोगों के लिए वरदान है, जो SRN Hospital में अपने मरीजों के इलाज के लिए आते हैं और भोजन की चिंता में रहते हैं। इसके साथ ही, महाकुंभ के दौरान यह रसोई तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए भी उपयोगी साबित होगी। Nandi Sewa Sansthan ने इस रसोई को बेहद modern infrastructure के साथ तैयार किया है, ताकि यह स्वच्छ और आरामदायक माहौल प्रदान कर सके।

Purpose of Maa Ki Rasoi

मुख्य रूप से, यह रसोई उन लोगों के लिए है, जो स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में अपने परिजनों के इलाज के लिए आते हैं और खाने की चिंता में रहते हैं। इसके साथ ही, महाकुंभ 2025 के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की संभावना को देखते हुए, यह रसोई affordable meals की सुविधा प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के दौरान, affordable and nutritious food की सुविधा हर वर्ग के लिए एक आवश्यकता है। ‘Maa Ki Rasoi’ न केवल जरूरतमंदों की मदद करेगी, बल्कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का एक उदाहरण भी है।

इनोवेशन और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर

‘Maa Ki Rasoi’ को आधुनिक kitchen infrastructure के साथ तैयार किया गया है। यहां खाना बनाने के लिए उन्नत उपकरणों और तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है। रसोई का पूरा सिस्टम hygienic norms के तहत ऑपरेट होता है, जहां cleanliness को प्राथमिकता दी जाती है।

‘Maa Ki Rasoi’ का महत्व महाकुंभ 2025 में

महाकुंभ 2025, जो कि 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच आयोजित होगा, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेला है। इस आयोजन के दौरान, करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान के लिए आते हैं।

ऐसे में, affordable भोजन की सुविधा तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी राहत होगी। ‘Maa Ki Rasoi’, न केवल भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को आरामदायक माहौल भी प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री का विजन और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को समाजसेवा का एक बेहतरीन उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि government और private organisations के बीच इस तरह की साझेदारी से समाज के सभी वर्गों को मदद मिल सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि इस मॉडल को अन्य शहरों और स्थानों पर भी लागू किया जा सकता है।

“‘Maa Ki Rasoi’ जैसी सुविधाएं यह दिखाती हैं कि सस्ता और पौष्टिक भोजन हर किसी का हक है। यह पहल न केवल महाकुंभ को सफल बनाएगी, बल्कि इसे socially impactful भी बनाएगी,” मुख्यमंत्री ने कहा।

Maha Kumbh 2025: The world’s largest religious fair

महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इसे सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र और भव्य आयोजन माना जाता है। 2025 का महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जबकि मुख्य शाही स्नान 29 जनवरी को सिद्धि योग के शुभ अवसर पर होगा। यह मेला गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है, जिसे ‘महासंगम’ भी कहा जाता है।

महाकुंभ के दौरान, देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु और संत प्रयागराज पहुंचते हैं। यह मेला धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व का प्रतीक है, जहां स्नान, भजन-कीर्तन, और आध्यात्मिक सत्संग जैसे आयोजन होते हैं। महाकुंभ को सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का गौरव भी माना जाता है।

निष्कर्ष

‘Maa Ki Rasoi’ जैसे initiatives, महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन में practicality और compassion का संगम प्रस्तुत करते हैं। ₹9 में full meal की सुविधा न केवल लोगों की immediate जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि यह सरकार और समाज के बीच भरोसे को भी मजबूत करेगी।

यह पहल यह संदेश देती है कि affordable food और community service को प्राथमिकता देकर समाज के सभी वर्गों की मदद की जा सकती है। महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ‘Maa Ki Rasoi’ एक ऐसा अनुभव होगा, जो उनके दिलों में लंबे समय तक रहेगा।

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