Credit Guarantee Scheme:- कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नई योजना – क्रेडिट गारंटी स्कीम (CGS) का ऐलान किया। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए तैयार की गई है, जो अक्सर अपनी उपज को कम कीमतों पर बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
Table of Contents
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामले मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने इस योजना की शुरुआत की, जिसमें 1000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के मूल्य में वृद्धि होने तक उसे रखने का अवसर देना है, ताकि वे मजबूरी में अपनी उपज का बेचान न करें।
Credit Guarantee Scheme (CGS) क्या है?
क्रेडिट गारंटी स्कीम (CGS) एक अभिनव योजना है, जिसके तहत किसानों को अपनी उपज के बदले पोस्ट-हार्वेस्ट ऋण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए किसानों को अपनी उपज को वेयरहाउस में जमा करना होगा, जहाँ से वे इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीप्ट (e-NWR) प्राप्त करेंगे।
Join Our Telegram Channel | Join Now |
Follow us on Google News | Follow Now |
यह रिसीप्ट एक प्रकार का डिजिटल दस्तावेज होगा, जो किसानों को बैंक से ऋण लेने में मदद करेगा। यह रिसीप्ट बैंकों के लिए एक गारंटी के रूप में काम करेगा, जिससे वे किसानों को ऋण देने में संकोच नहीं करेंगे।
किसान को कैसे मिलेगा फायदा?
भारत में किसानों को अक्सर अपनी उपज को बहुत कम मूल्य पर बेचना पड़ता है, क्योंकि उन्हें तत्काल नकद की जरूरत होती है। यही कारण है कि किसान जल्दबाजी में अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस नई योजना के तहत, किसानों को अपनी उपज को वेयरहाउस में जमा करने का अवसर मिलेगा। इसके बदले उन्हें e-NWR मिलेगा, जो उन्हें बैंक से ऋण लेने में मदद करेगा। इस ऋण का उपयोग वे अगली फसल की खेती के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान अपनी उपज तब तक नहीं बेचेंगे जब तक बाजार में उचित मूल्य न मिल जाए। इस प्रकार, किसान बाजार में मूल्य वृद्धि का लाभ उठा सकते हैं।
बैंकों के लिए क्या है यह योजना?
भारत में किसानों को कृषि ऋण देने में बैंकों को कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि किसानों के पास संपत्ति की कमी होती है, जिसे बैंक गारंटी के रूप में स्वीकार कर सकें। इस समस्या का समाधान करने के लिए, e-NWR को बैंक गारंटी के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इससे बैंकों को यह विश्वास होगा कि ऋण की वसूली संभव है और वे किसानों को ऋण देने में ज्यादा उत्साहित होंगे। यह योजना किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध कराने में मदद करेगी और कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगी।
इस योजना का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा?
इस योजना का दीर्घकालिक प्रभाव कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने की दिशा में होगा। भारतीय कृषि क्षेत्र की मौजूदा स्थिति में, किसानों के लिए कृषि ऋण प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, e-NWR के माध्यम से बैंक अब किसानों को उधार देने में संकोच नहीं करेंगे। यह योजना भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि इसके माध्यम से किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपनी फसल को सही मूल्य पर बेचने में सक्षम होंगे।
इसके अलावा, इस योजना से कृषि उत्पादों के पोस्ट-हार्वेस्ट लेंडिंग का भी विस्तार होगा। वर्तमान में, यह आंकड़ा 40,000 करोड़ रुपये के आसपास है, जबकि इसका वास्तविक क्षमता 5.5 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। योजना के लागू होने के बाद, अगले दस वर्षों में पोस्ट-हार्वेस्ट लेंडिंग को 5.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या हैं चुनौतियां और समाधान?
इस योजना को सफल बनाने के लिए कई चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक करना है। इसके लिए सरकार को विभिन्न प्रचार-प्रसार गतिविधियों को तेज करना होगा। इसके अलावा, वेयरहाउस रजिस्ट्रेशन की संख्या को बढ़ाना और e-Kisan Upaj Nidhi जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को सुलभ बनाना भी आवश्यक होगा। e-NWR के माध्यम से ऋण देने के लिए बैंकों और वेयरहाउस सेक्टर के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी, ताकि योजना का लाभ सही तरीके से किसानों तक पहुंचे।
क्यों महत्वपूर्ण है यह योजना?
यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें अपनी उपज को जल्दी और सस्ते दामों पर बेचने से बचाएगी। किसानों को अब अपनी उपज को बाजार में उच्च कीमत मिलने तक संरक्षित रखने का मौका मिलेगा, जिससे वे अधिक लाभ कमा सकेंगे। साथ ही, इससे भारतीय कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और खेती के लिए आवश्यक संसाधन समय पर उपलब्ध होंगे।
केंद्र सरकार का यह कदम भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना के जरिए, सरकार ने किसानों की चिंता को समझते हुए उनके जीवन में सुधार लाने के लिए एक ठोस कदम उठाया है, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र को और भी प्रगति और समृद्धि मिलेगी।